नई दिल्ली। देश में सड़क हादसों की भयावहता को देखते हुए केंद्र सरकार अब मोटर व्हीकल कानून को और सख्त बनाने की तैयारी में है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक अहम प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत बच्चों के साथ यात्रा के दौरान यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर चालकों पर दोगुना जुर्माना लगाया जाएगा।
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सड़क हादसों में हर साल करीब पौने दो लाख मौतें होती हैं, जिनमें बच्चों की संख्या भी चिंताजनक है। इसे रोकने और चालक वर्ग में ज़िम्मेदारी की भावना लाने के उद्देश्य से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।
क्या है प्रस्ताव?
- यदि वाहन में बच्चे सवार हैं और चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करता है, तो दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा।
- यह नियम निजी वाहनों के साथ-साथ स्कूलों के वाहनों पर भी लागू होगा।
- चालक और वाहन मालिक दोनों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
मेरिट-डीमेरिट प्वाइंट सिस्टम लाने की तैयारी
- नियम तोड़ने पर डीमेरिट अंक वाहन चालक के लाइसेंस पर दर्ज किए जाएंगे।
- एक तय सीमा से अधिक डीमेरिट अंक होने पर लाइसेंस को अस्थायी या स्थायी रूप से रद्द किया जा सकता है।
- भविष्य में इन अंकों को वाहन बीमा (इंश्योरेंस प्रीमियम) से भी जोड़ा जा सकता है।
- लाइसेंस नवीनीकरण के समय इन अंकों की समीक्षा की जाएगी और अधिक डीमेरिट अंक होने पर फिर से ड्राइविंग टेस्ट देना होगा।
सरकार ने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर अन्य मंत्रालयों से फीडबैक मांगा है। हालांकि विशेषज्ञों की चिंता यह है कि ऐसे कानूनों को राज्य सरकारें कितनी गंभीरता से लागू करेंगी, क्योंकि अब तक सड़क सुरक्षा के तमाम उपायों में राज्यों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है।
यह प्रस्ताव लागू होता है तो यह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ लापरवाह चालकों पर सख्ती का एक प्रभावी कदम हो सकता है।
